ओजोन दिवस 16 सितम्बर ( 1995 ) को ओजोन परत के संरक्षण हेतु जागरुकता के लिये मनाया जाता है. U.N.O. ने 19 दिसंबर 1994 को ये घोषित किया कि अंतराष्ट्रीय ओजोन दिवस 16 सितम्बर को मनाया जायेगा| यह तारीख मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की यादगार तिथि रूप में तय की गयी। धरती का सुरक्षा कवच ओजोन मण्डल या ओजोन परत है। ओजोन मण्डल या ओजोन परत में ओजोन गैस की मात्रा अधिक होती है।यह एक तीक्ष्ण गंध वाली हल्के नीले रंग की गैस है।
ओजोन परत के बारे में लोग आम तौर पर भले ही ज्यादा न जानते हों लेकिन यह पृथ्वी और पर्यावरण के लिए एक सुरक्षा कवच का कार्य करती है तथा यह सूर्य की खतरनाक पराबैंगनी (अल्ट्रा वायलेट) किरणों से हमें बचाती है।
बिना ओजोन परत के हम जिंदा नहीं रह सकते क्योंकि इन किरणों के कारण कैंसर, फसलों को नुकसान और समुद्री जीवों को खतरा पैदा हो सकता है और ओजोन परत इन्हीं पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करती है।’विज्ञान के विकास के साथ-साथ ओजोन परत कमज़ोर होती जा रही । अवशीतन में काम आने वाले रसायन क्लोरोफ्लोरो कार्बन्स (सी.एफ.सी.), बढ़ते आणविक विस्फोट, नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का प्रयोग और समताप मण्डल की ऊंचाई पर उड़ने वाले सुपरसोनिक विमानों से उत्पन्न होने वाली गैसों में नाइट्रस ऑक्साइड तथा क्लोरीन के मुक्त परमाणु ओजोन गैस से क्रिया कर उसे ऑक्सीजन में बदल देते हैं। जिससे ओजोन की परत का क्षरण हो रहा है।

यदि सूर्य से आने वाली सभी पराबैगनी किरणें पृथ्वी पर पहुँच जाती है तो पृथ्वी पर सभी प्राणी रोग से पीड़ित हो जायेंगे।सभी पेड़ पौधे नष्ट हो जायेंगे। लेकिन सूर्य विकिरण के साथ आने वाली पराबैगनी किरणों का लगभग 99% भाग ओजोन मण्डल द्वारा सोख लिया जाता है। जिससे पृथ्वी पर रहने वाले प्राणी वनस्पति तीव्र ताप व विकिरण सुरक्षित बचे हुए है।इसीलिए ओजोन मण्डल या ओजोन परत को सुरक्षा कवच कहते हैं।
फ्रिज, एयरकंडीशनर, इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की सफाई, अग्निशमन यंत्र आदि में क्लोरोफ्लोरो कार्बन्स के उपयोग में लगातार वृद्धि होने से ओजोन परत के क्षरण की दर बढ़ रही है. सी.एफ.सी. का एक कण ओजोन के एक लाख कणों को नष्ट कर देता है। वायुमंडल के ध्रुवीय भागों में ओजोन का निर्माण अपेक्षाकृत धीमी गति से होता है।
ओजोन लेयर का बचाव बहुत ज़रूरी है और हमे इसे बचाने में अपना पूरा योगदान देना चाहिए।