उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज दिवाली के अवसर पर देश का बड़ा उत्सव मनाने के लिए अयोध्या पहुंचे हैं। दिवाली के जश्न को लेकर भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
पूरा शहर रोशनी से होगा जगमग
उत्तर प्रदेश सरकार पूरे अयोध्या को न सिर्फ़ दीपों से सजाने जा रही है बल्कि बिजली की झालरों, रंगोलियों, बल्बों, लेज़र शो आदि के माध्यम से भी पूरे शहर को जगमग किया जाएगा।
यही नहीं, इस दीपोत्सव में ‘पुष्पक विमान’ भी होगा, रथ होगा, घुड़सवार होंगे, सैनिक होंगे और भालू-बंदर भी होंगे।ये कहने का मतलब ये कि पुरातन और नूतन का ऐसा सुखद संगम तैयार किया गया है कि देखने वाले दाँतों तले उंगलियां दबा लेंगे।
त्रेता युग जैसा होगा एहसास
शोभायात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की जाएगी ताकि लोगों को पुष्पक विमान का भी अहसास कराया जा सके। जब से इस ऐतिहासिक दिवाली को मनाने की घोषणा हुई है तब से उसकी तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के अयोध्या जाने का क्रम बना हुआ है।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी ने बताया है कि हैं, “सारा इंतज़ाम पर्यटन मंत्रालय, सूचना विभाग, अवध विश्वविद्यालय और फ़ैज़ाबाद प्रशासन की ओर से किया जा रहा है और इसका ख़र्च राज्य सरकार उठा रही है. हां, कुछ स्थानीय लोग भी अपनी तरह से इसमें सहयोग कर रहे हैं”।

दिवाली के मौक़े पर चूंकि बड़ी संख्या में सरकार के लोग रहेंगे तो अयोध्या के लिए कई परियोजनाओं की भी घोषणा होगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए 130 करोड़ रुपये भी स्वीकृत कर दिए हैं। एनजीटी ने कोई अड़ंगा न लगाया तो राज्य सरकार अयोध्या में सरयू नदी के तट पर भगवान राम की 108 फीट ऊंची ऐसी प्रतिमा स्थापित करने जा रही है, जैसी पूरी दुनिया में नहीं है।
राज्य सरकार का कहना है कि अयोध्या को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए ये सारी क़वायद हो रही है लेकिन अयोध्या में इतनी दिलचस्पी को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल भी उठ रहे हैं।
बी.जे.पी ने की है संदेश देने की कोशिश
वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि इतने भव्य आयोजन के माध्यम से बीजेपी एक ख़ास संदेश देना चाहती है। अयोध्या में राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में भले ही हो लेकिन वो ये बताने से कभी नहीं चूकती कि ये उसके एजेंडे में है और पार्टी इसे भूली नहीं है।

लेकिन “जहां तक पर्यटन की बात है तो उसके लिए सिर्फ़ अयोध्या पर ही इतना ज़ोर देने का मक़सद साफ़ है। हालांकि और धार्मिक स्थलों पर भी आयोजन होते रहे हैं और वहां भी सरकार या प्रशासन का सहयोग रहता रहा है लेकिन अयोध्या को लेकर जो इतना सब किया जा रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया और ज़ाहिर है, यदि इतना दिखाया जा रहा है तो निश्चित तौर पर उसके पीछे कोई मक़सद है”।
गिनेस बुक में शामिल कराने की तैयारी
दीपोत्सव के इस आयोजन में बड़ी तादाद में अयोध्यावासी शुमार हुए। सरकार ने भी काफी पहले से इसकी तैयारियों को मूर्त रूप देने के लिए इंतजाम किए थे। अयोध्या में भगवान राम के स्वागत स्वरूप निकली शोभायात्रा के बाद अयोध्या में हो रहे इस आयोजन को लेकर यहां के हर वर्ग में उत्साह देखने को मिला।