दिवाली भारत का एक ऐसा त्योहार है जब पूरा भारत रोशनी में चमक रहा होता है। दीपावली से जुड़ी एक कहानी यह है कि इतिहास में इसी दिन भगवान राम, लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापस आए थे। इस मौके पर अयोध्या के वासियों ने नगर को दीपों से सजाया था। तभी से दीपावली के त्योहार का प्रारंभ माना जाता है।
इस दिन लोग मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ घरों में दिए भी जलाते हैं। हर साल जमकर पटाखे भी फोड़े जाते हैं जिससे हर साल दजर्नों लोग घायल हो जाते हैं। आपकी लापरवाही के चलते इस पर्व का मजा खराब हो सकता है। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि दिवाली मनाते वक्त कैसे सुरक्षित और सेहतमंद रहें..
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सिंथेटिक कपड़े ना पहने
कॉटन के कपड़ो को ही पहनकर पटाखे या दिए जलाएँ। सिंथेटिक कपड़े आग जल्दी पकड़ लेते है इसलिए इन्हे पहनने से बचें। ध्यान रहे कि सूती के कपड़े में आग पकड़ने का खतरा कम ही रहता है जबकि सिंथेटिक कपड़े आग के संपर्क में आते ही पिघल जाते हैं।
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बाहर की मिलावटी मिठाइयों से दूर रहे
इन दिनों नकली मिठाइयों की बिक्री ज़्यादा ज़ोर पकड़ती है। मार्केट में नकली रंगों वाली मिठाइयाँ मौजूद हैं जिनमें केमिकल वाले रंगों का इस्तेमाल होता है। इनका शरीर ओर दिमाग दोनो पर बुरा असर पड़ता है। इनसे आपको किडनी स्टोन, कैंसर, उल्टी और डायरिया की समस्या हो सकती है। बेहतर होगा की आप घर पर ही मिठाई बनाएँ।
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बच्चो का ध्यान रखें
अपने बच्चो को पटाखे जलाने का सुरक्षित तरीका बताएं। हमेशा पटाखों को अगरबत्ती या मोमबत्ती के इस्तेमाल से जलाएं। पटाखों को पास से जलाएं, चेहरा बचाकर पटाखों को जलाए वरना आँखो में चिंगारी आ सकती है।
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जले पटाखों को सावधानी से नष्ट करें
पटाखों को इस्तेमाल करने के बाद सावधानी के साथ नष्ट करें। अगर आप जहाँ तहाँ जले पटाखे छोड़ देंगे तो इससे कई लोग जल सकते हैं। इसलिए पटाखों को जलाने के बाद पानी से भरी बाल्टी में डाल दें या फिर बालू से भरी बाल्टी में रख दें।
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ज़्यादा शोर पर कान में रूई डालें
125 डेसिबल से ज्यादा शोर वाले पटाखों से कम से कम 4 मीटर की दूरी बनाकर रखें। बेहतर होगा कि ज्यादा शोर वाले पटाखे न जलाएं। इससे ना केवल वायु प्रदूषण होता है बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी होता है।
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जानवरों को तंग ना करें
अपने घर के पालतू जानवरों को पटाखों के पास ना आने दें क्योंकि इससे उन्हे शारीरिक और मानसिक कष्ट होता है। कई लोग जानवरों के पूंछ पर पटाखे बाँध देते है जो कि ना केवल गलत है बल्कि अपराध भी है। अगर आपके आसपास कोई ऐसा करता है तो तुरंत उसे ऐसा करने से रोकें।
लोगों को सुरक्षित दिवाली मनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए। क्योंकि आप नहीं चाहेंगे कि खुशियों का ये त्यौहार दुर्घटनाओं में तब्दील हो जाए।