
रावण को हमेशा एक बुराई के रूप में देखा जाता है, लेकिन रावण में कुछ अच्छाइयाँ भी थी। राजाधिराज लंकाधिपति महाराज रावण को दशानन के नाम से भी जाना जाता है। कहते है कि रावण लंका का तमिल राजा था। सभी ग्रंथो को छोड़कर वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण महाकाव्य में रावण का सबसे प्रमाणिक इतिहास मिलता है।
रामायण के अलग-अलग भागों से संग्रहित करके आज हम आपको रावण से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे। इससे आपको पता चलेगा कि रावण केवल दुराचारी नहीं था बल्कि रावण धर्म में बहुत विश्वास करता था और उसे महाज्ञानी भी माना जाता है।
रावण से जुड़ी 8 रोचक बातें-

- उनके दादाजी का नाम प्रजापति पुलत्स्य था, जो ब्रह्मा जी के दस पुत्रों में से एक थे। इस तरह देखा जाए तो रावण ब्रह्मा जी का पड़पौत्र हुए। रावण ने अपने पिताजी और दादाजी से हटकर धर्म का साथ न देकर अधर्म का साथ दिया था।
2. हिन्दू ज्योतिषशास्त्र में रावण संहिता को एक बहुत महत्वपूर्ण पुस्तक माना जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि रावण संहिता की रचना खुद रावण ने की थी।
3. रावण के 10 सिरों की कहानियाॅं तो सुनी होगी। इसमें दो प्रकार के मत है। पहले मत के अनुसार रावण के दस सिर नहीं थे। वो केवल एक 9 मोतियों की माला से बना एक भ्रम था और वह माला उसकी माता ने दिया था।
दूसरे मत के अनुसार जो प्रचलित है कि जब रावण शिवजी को प्रसन्न करने के लिए घोर तप कर रहा था, तब रावण ने खुद अपने सिर को धड़ से अलग कर दिया था। जब शिवजी ने उसकी भक्ति देखी तो उससे प्रसन्न होकर उसके हर टुकड़े से एक सिर बना दिया था जिससे उसके दस सर बन गए थे।
4. रावण तीनों लोक का स्वामी था और उसने न केवल इंद्र लोक बल्कि भू लोक के भी एक बड़े हिस्से पर अपने असुरों की ताकत बढ़ाने के लिए कब्ज़ा किया था।
5. रावण अपने समय का सबसे बड़ा विद्वान माना जाता है। रामायण में बताया गया है कि जब रावण मृत्यु की शय्या पर लेटे हुए थे, तब राम जी ने लक्ष्मण को उसके पास बैठने को कहा था, ताकि वो मरने से पहले लक्ष्मण को राजपाट चलाने और नियन्त्रण करने के गुण सीख सके।
6. रावण के कुछ चित्रों में आपने उनको वीणा बजाते हुए देखा होगा। एक पौराणिक कथा के अनुसार रावण को संगीत का बहुत शौक था और वह वीणा बजाने में बहुत माहिर थे। ऐसा कहा जाता है कि रावण वीणा इतनी मधुर बजाता थे कि देवता भी उनका संगीत सुनने के लिए धरती पर आ जाते थे।
7. ऐसा माना जाता है कि रावण इतना शक्तिशाली था, कि उसने नवग्रहों को अपने अधिकार में ले लिया था। कथाओं के अनुसार जब मेघनाथ का जन्म हुआ था, तब रावण ने ग्रहों को 11 वें स्थान पर रहने को कहा था ताकि उसे अमृत मिल सके। लेकिन शनिदेव ने ऐसा करने से मना कर दिया और 12 वें स्थान पर विराजमान हो गये।
रावण इतना नाराज़ हुआ कि उसने शनिदेव पर आक्रमण कर दिया था और यहाॅं तक कि कुछ समय के लिए बंदी भी बना लिया था।
8. रावण जानता था कि उसकी मौत विष्णु के अवतार के हाथों लिखी हुई है और विष्णु के हाथों मरने से उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी और उसका असुर रूप का विनाश होगा।
रावण के बारे में और रोचक बातें जानने के लिए वीडियो देखें-
https://www.youtube.com/watch?v=AIBDYCpB59o