कार्तिक महीने की शुरुआत होते ही ठंड दस्तक देने लगती है और त्यौहारों का सिलसिला शुरु हो जाता है। इस महीने की सबसे खास बात यह है कि इसी महीनें में भगवान ने बहुत सारी लीलाएँ की है और अनेक व्रत और त्यौहार इसी महीने में होते हैं जिसमें की सबसे खास त्यौहार है दीवाली जो कि कार्तिक महीनें में ही पडती है।
आइये जानते हैं इस महीने के खास त्यौहार और उनका महत्व।
शरद पूर्णिमा – इस दिन भगवान कृष्ण ने राधरानी ओर गोपियों के साथ रास किया था। शरद पूर्णिमा की रात्रि से ही कार्तिक मास शुरू हुआ था।
बहुलाष्टमी – यह दिन राधाकुण्ड श्यामकुण्ड के आविर्भाव का स्मरणोत्सव है।इसी दिन कृष्ण और राधारानी ने श्यामकुंड ,राधाकुंड का निर्माण किया था ।
धनतेरस– इस दिन धन्वतंरी भगवान अमृत ओर आयुर्वेद की ओषधियों के साथ प्रकट हुए थे।
नरकाचतुर्दशी – इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था|
दामोदर लीला – इसी महीने में दीवाली के दिन मैया यशोदा ने भगवान कृष्ण को उखल से बांधा था जिससे उनका नाम दामोदर पड़ा अर्थात जिनका उदर(पेट) दाम (रस्सी) से बंध गया और इसलिये कार्तिक मास का नाम दामोदर मास पड़ा ।
दीवाली– इस दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटे, सभी अयोध्यावासियों ने दिए जलाये जिसे दीवाली के रूप में आज भी हम मानते हैं ।
गोवर्धन पूजा– दीवाली के पश्चात गोवर्धन पूजा की जाती है, भगवान कृष्ण ने अपनी बाएं हाथ की कनिष्ठ उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था, इस दिन भगवान को 56 तरह के भोग लगाये जाते हैं ।
गोपष्टमी– भगवान कृष्ण ने गाय चराना शुरू किया ।
उत्थान एकादशी (देवउठनी एकादशी) -इस दिन 4 महीनो बाद भगवान उठते हैं, इसलिये इस एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं ।
तुलसी विवाह – भगवान कृष्ण और तुलसी महारानी का विवाह होता हैं।
इसलिये इस महीने का काफी महत्व है क्योंकि इस महीने बेहद खास व्रत और त्यौहार होते हैं और समस्त वातावरण में अलग तरह का ही माहौल हो जाता है या यू कहें कि भक्तिमय माहौल हो जाता है।