डोकलाम विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच पिछले काफी दिनों से तनातनी बनी हुई थी, भारत और चीन के बीच सिक्किम के डोकलाम में विवाद हाल ही में खत्म हुआ है। जून से अगस्त के आखिर तक करीब 73 दिनों तक दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने रहे थे। विवाद इसलिए शुरू हुआ क्योंकि चीन भूटान के इस इलाके में सड़क बनाना चाहता था और भूटान ने चीन को रोकने के लिए भारत की मदद मांगी थी। यह इलाका सिक्किम से लगा हुआ है और यहां तीनों देशों की सीमाएं मिलती है। लेकिन विवाद की संभावनाएं खत्म नहीं हुई है ।
नई दिल्ली में बुधवार को आयोजित एक सेमिनार में जनरल रावत ने कहा कि, ‘यह एक मिथक है कि परमाणु हथियारों से लैस या लोकतांत्रिक पड़ोसी मुल्कों में जंग नहीं होगी। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान भारत को हमेशा से अपना दुश्मन मानता है। पाकिस्तान के साथ भविष्य में मतभेद दूर होने वाले नहीं हैं।
दो मोर्चों पर जंग के लिए तैयार रहना होगा-
रावत ने कहा- चीन धीरे-धीरे हमारी सीमाओं के करीब आने की कोशिश कर रहा है। उसने ताकत दिखाने की कोशिश की है। पाकिस्तान नॉदर्न बॉर्डर पर होने वाले टकराव का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। इसलिए हमें दो मोर्चों पर जंग के लिए तैयार रहना होगा।
हमें अपने जमीन की सुरक्षा के लिए लड़ना होगा-
उन्होंने कहा, ‘नेवी और एयरफोर्स काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, लेकिन वे जमीन पर लड़ने वाले सशस्त्र बलों के सपॉर्ट में होंगे। हम भले ही समुद्र में प्रभावी हों, हवा में प्रभावी हों, लेकिन अंत में हमें अपने जमीन की सुरक्षा के लिए लड़ना होगा।’
तीनों सेनाओं के एकीकरण पर जोर दिया-
सेनाध्यक्ष ने सेना के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना के एकीकरण पर भी जोर दिया। चीन के पिछले साल ही अपनी सेनाओं का एकीकरण कर थियेटर-कमान बना दी है।