भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट में शामिल होने के लिए रविवार को चीनी गए थे। ब्रिक्स समिट से अलग मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। डोकलाम विवाद जो 73 दिनों तक चला था उसके बाद दोनों नेताओं के बीच पहली द्विपक्षीय वार्ता हुई।
इस मुलाक़ात में दोनों देशों के नेताओं के बीच इस पर सहमति बनी, कि आगे से डोकलाम जैसी स्थिति पैदा नही की जायेगी। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है, कि दोनों नेताओं के बीच चर्चा बहुत रचनात्मक थी। विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा, इस पर सहमति बनी। साथ ही मतभेदों को विवाद नहीं बनने दिया जाएगा। बॉर्डर को लेकर शांति की बातचीत हुई। मगर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के साथ पंचशील समझौते पर साथ चलने की बात कही है.

विदेश सचिव एस जयशंकर ने ये जानकारी दी है, कि दोनों नेताओं के बीच ब्रिक्स के मुद्दों पर बातचीत हुई. दोनों देशों ने द्विपक्षीय बैठक में ‘प्रगतिशील दृष्टिकोण’अपनाया है। बैठक में BRICS को और प्रासंगिक बनाने की बात हुई है। चीन के राष्ट्रपति ने ब्रिक्स के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोम की सराहना की। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, कि भारत और चीन के बीच स्वस्थ्य, स्थिर रिश्ते दोनों देशों के लोगों के लिए जरूरी हैं.साथ ही ये भी कहा है, कि भारत और चीन दो बड़े पड़ोसी देश हैं और हम दोनों दुनिया के सबसे बड़े और उभरते हुए देश भी हैं।