भारत में बहुत सी ऐसी जगह हैं जहाँ आपको ढेर सारे रहसय सुनने को मिलेंगे। रहस्यों से तो पूरा भारत भरा पड़ा है ।भारत के हर कोने में आपको रहस्य ही रहस्य मिलेंगे। वैसे तो भारत में भारतीय संविधान का पालन सभी करते हैं पर हिमाचल प्रदेश में है एक ऐसा गाँव जहाँ के लोगों का है अपना संविधान। उन लोगों का है एक अपना ही छोटा सा गाँव जहाँ कोई भारतीय संविधान नहीं चलता ,चलते हैं तो उनके बनाये हुए नियम।
आखिर कौन सा गाँव है ये ?
ये गाँव भारत के हिमाचल प्रदेश में स्तिथ ‘मलाणा’ गाँव है जहाँ कोई भारतीय संविधान नहीं चलता। इस गाँव को भारतीय सरकार भी कुछ बोल नहीं सकती अगर कुछ कहा तो ये उनके गाँव का अपमान होने के बराबर है जो इस गाँव के लोग कभी होने नहीं देंगे। आज हम आपको बताएँगे आखिर किन -किन कारणों से यह गाँव इतना लोकप्रिय है कि दूर दूर से लोग इस गाँव को देखने आते हैं।
1यहाँ चलता है हशीश (चरस) का खुल्ला कारोबार

इस गाँव में सबसे ज्यादा चरस का कारोबार चलता है। यहाँ कि चरस दुनिया कि सबसे लोकप्रिय चरस में सबसे ऊपर है।यहाँ दूर दूर से लोग सिर्फ उस चरस का नशा लेने के लिए आते हैं। भारत सरकार भी इन्हे रोक नहीं सकती क्योंकि यहाँ भारत सरकार की बिलकुल नहीं चलती। कहा जाता है की अगर कोई भी शख्स यहाँ पर उगी चरस को हानि पहुँचाने का प्रयास करता है उसे मार दिया जाता है।
2यहाँ के लोग अपने आप को सिकंदर का वशंज मानते हैं

मलाणा के लोग अपने आप को सिकंदर का वशंज मानते है और उनकी अपनी एक अदालत है जहाँ पर प्राचीन यूनानी नियमों का अभी तक पालन किया जाता है।
3यहाँ के लोग बाहर के लोगों को न छूते हैं न उन्हें किसी मंदिर को छूने देते हैं

अगर आप मलाणा में हैं तो कृपया ध्यान रखना कि आप किसी को छुएं ना अगर आपने वहाँ के किसी स्थानीय शख्स को छू लिया तो आपको वहाँ के मुख्या से कोई न कोई दण्ड ज़रूर मिलेगा। सिर्फ इंसानों को ही नहीं आप मलाणा के किसी भी मंदिर को नहीं छू सकते क्योंकि मलाणा के लोग अपने आप को और लोगों से पवित्र मानते हैं।अगर उन्हें कोई छू ले तो इसका मतलब है वो अपवित्र हो गए।
4एक विद्यालय , एक अध्यापक और 100 विद्यार्थी

यहाँ पर सिर्फ एक विद्यालय है जहाँ सिर्फ 1 अध्यापक है और 100 विद्यार्थी जिस कारणवर्ष यहाँ के लोग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है और वह अपना सारा कारोबार सिर्फ हशीश बेच कर चलाते हैं।