हमेशा से ही सुर्खियों में बाल श्रम का मुद्दा रहा है। यह मुद्दा न केवल हमारे देश के सकारात्मक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है बल्क़ि इसकी दशा को देखतें हुए भी कोई ना कोई ठोस कदम तत्काल उठाना चाहियें। बता दे की हाल ही में वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट 2018 में भी भारतीय शिक्षा को लेकर काफ़ी आलोचना की जा चुकी है। बहरहाल सरकार ने एक सकारात्मक कदम उठाते हुए बाल श्रम को कम करने के लिए पेंसिल पोर्टल लांच किया है।
राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना को कारगर तरीके से लागू करने के लिए केन्द्रीय श्रम मंत्रालय ने सितम्बर 2017 को पेंसिल नाम की वेबसाइट लांच की है। इस वेबसाइट पर देश भर में कहीं भी हो रहे बाल श्रम के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है। प्लेटफार्म फार इफेक्टिव एनफोर्समेंट फार नो चाइल्ड एनफोर्समेंट (पेंसिल) (www.pencil.gov.in)
नाम से शुरू की पोर्टल को भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाएगा। केन्द्र सरकार इस पोर्टल को राज्य सरकारों, जिलों और सभी जिला परियोजना सोसाइटी से जोड़ेगा। इस वेबसाइट के द्वारा कोई भी शख्स देश में कहीं भी हो रहे बाल श्रम के खिलाफ शिकायत कर सकता है लेकिन इसके लिए वेबसाइट पर अपना रेजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।

दर्ज की गई शिकायतों पर संबधित एजेंसियां 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट तैयार करेंगी तथा इन शिकायतों का ट्रैकिंग आईडी होगा जिसके आधार पर कार्रवाई होगी। श्रम मंत्रालय दर्ज की गई शिकायतों के कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार से फीडबैक लेगा। पेंसिल वेबसाइट पर शिकायतकर्ता अपनी दर्ज की गई शिकायत की रिपोर्ट भी ले सकता है लेकिन शिकायतकर्ता को ध्यान रखना होगा की शिकायत के वक्त बच्चे से जुड़े विवरण जरूर दें। इसमें बच्चे का फोटो, नाम, स्थान आदि जैसे जरूरी विवरण शामिल हैं। इस वेबसाइट को लांच करते वक्त गृहमंत्री ने कहा,”दुनिया में हर 10 में से एक शख्स बाल मजदूर है” तथा गृह मंत्रालय ने लापता बच्चों का पता लगाने के लिए “ऑपरेशन स्माइल” शुरू किया है जिसके तहत अब तक 70,000 से ज्यादा लापता बच्चों को बचाया गया। इसके साथ ही गृह मंत्री ने भरोसा जताया कि अगले पांच साल में (2022 तक) भारत को बाल श्रम से मुक्ति जरूर मिलेगी।
http://https://www.youtube.com/watch?v=GFiVE56Bl50
क्या है ऑपरेशन मुस्कान?
ऑपरेशन मुस्कान केंद्र सरकार सरकार की योजना है। इस योजना के तहत भटके और लावारिस बच्चों को ढूंढ कर उनके घर तक पहुंचाया जाता है। केंद्र सरकार के निर्देश पर झारखंड राज्य में भी यह योजना शुरू की गई है। राज्य पुलिस विभाग, बाल कल्याण विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, बाल कल्याण समिति, श्रम विभाग और गैर सरकारी संगठन को मिलाकर टीम का गठन किया गया है। यह टीम शहर के सार्वजनिक स्थानों पर भटकने वाले, होटल, दुकान अन्य प्रतिष्ठानों में मजदूरी करने वाले बच्चों की पहचान करेगी। इन बच्चों को रेस्क्यू किया जाएगा। बच्चों के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर उनके परिवार को खोजने का प्रयास किया जाएगा। परिवार या पता के संबंध में नहीं बताए जाने तक बच्चों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी टीम की होगी। ऑपरेशनमुस्कान केंद्र सरकार सरकार की योजना है।

इस योजना के तहत ऑपरेशन मुस्कान का उद्देश्य बाल श्रम में लगे बच्चों (14 वर्ष की उम्र तक) की पहचान करना तथा अपने परिवारों से बिछड़ गए बच्चों को उनके परिजनों से मिलाना है। केंद्र सरकार के निर्देश पर झारखंड राज्य में भी यह योजना शुरू की गई है। राज्य पुलिस विभाग, बाल कल्याण विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, बाल कल्याण समिति, श्रम विभाग और गैर सरकारी संगठन को मिलाकर टीम का गठन किया गया है।
यह टीम शहर के सार्वजनिक स्थानों पर भटकने वाले, होटल, दुकान अन्य प्रतिष्ठानों में मजदूरी करने वाले बच्चों की पहचान करेगी। इन बच्चों को रेस्क्यू किया जाएगा। बच्चों के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर उनके परिवार को खोजने का प्रयास किया जाएगा। परिवार या पता के संबंध में नहीं बताए जाने तक बच्चों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी टीम की होगी।