पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की ब्रिकी पर रोक लगा दी थी और तमाम आतिशबाज़ी लाइसेंस रद्द कर दिए थे। मगर इस बार सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री की इजाज़त दी है।
आइए जानें सुप्रीम कोर्ट की क्या–क्या शर्तें हैं ?
- अग्नि सुरक्षा और ध्वनि प्रदूषण मानकों का सख्ती से पालन हो।
- अस्पताल, स्कूल-कॉलेज, कोर्ट यानी नो नॉइस जोन के 100 मीटर के दायरे में चलाने पर पाबंदी।
- पटाखों की रिटेल ब्रिकी के लाइसेंस पिछले साल से आधे किए जाएं।
- पटाख कारोबारी बाहर से पटाखे नहीं मंगावा सकते हैं।
- बड़े लाइसेंस धारक साल 2018 में आधे पटाखे बेच सकेंगे और हर साल यह इजाजत घटाई जाएगी।
- दिल्ली सरकार और एनसीआर शहरों की राज्य सरकार 15 दिन में स्कूलों के बच्चों को पटाखों के नुकसान पर जागरूक करें और विज्ञापन के माध्यम से दूसरे लोगों को भी जागरूक करें।
- सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पर्यावरण पर पटाखों से नुकसान की समीक्षा करने के लिए एक विशेषज्ञ कमिटी बनाएं और 31 दिसंबर तक उसपर रिपोर्ट दे।
ये सब सुप्रीम कोर्ट की वो शर्तें है जो आपको पटाखे बेचने से पहले माननी पड़ेंगी, अगर नहीं मानी तो सुप्रीम कोर्ट से आपको पटाखे बेचने की कोई अनुमति नहीं मिलेगी।
Et c’est quasi sans surprise que la saison se déroule.