उत्तराखंड में सामान्य जन की शिकायतों के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा एक “समाधान पोर्टल” चलाया जा रहा है। प्रदेश से जुड़ी हर प्रकार की समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से ये पोर्टल तैयार किया गया है और अब इससे जुड़ा एक ओर बड़ा अहम और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उत्तराखण्ड सरकार ने जनता की समस्याओं को देखते हुए एक टोल फ्री नंबर जारी किया है। बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय के अबुल कलाम भवन में सुराज, भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं जनसेवा विभाग के एक कार्यक्रम के दौरान इस नंबर की घोषणा की गई।
इस नंबर पर क्षेत्रीय भाषाएं यानी गढ़वाली या कुमाऊंनी में भी शिकायत दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध है , विभाग की ओर से जारी किया गया 1905 नंबर टोल फ्री है। इस पर 24 घंटे और सात दिन कभी भी अपनी समस्या या शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। जारी किया गया टोल फ्री नंबर इस पोर्टल का हिस्सा है। इस नंबर पर की जाने वाली शिकायत सीधे समाधान पोर्टल पर पहुंच जाएगी। इसके बाद समाधान पोर्टल के अधिकारी इस पर की गई शिकायत पर कार्यवाही करेंगे। अभी तक समाधान पोर्टल पर सिर्फ ऑनलाइन ही शिकायतें दर्ज कराई जाने की सुविधा उपलब्ध थी , लेकिन अब इस नंबर के जारी किए जाने के बाद कॉल करके किसी भी क्षेत्रीय भाषा में अपनी समस्याओं ओर शिकायतों को दर्ज कराया जा सकेगा।
इस पोर्टल पर ये जानकारी भी दी गयी है , कि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं / वस्तुओं को प्रदान किये जाने में अड़चन/अनौचित्यपूर्ण विलम्ब, नियमविरुद्ध किसी लोक प्राधिकारी के कार्य में अनियमतता, किसी क़ानून, अधिनियम, शासनादेश, नीति का उलंघन, किसी योजना/कार्यक्रम में अनियमितता अथवा अक्रियान्वयन की स्थिति को ही, शिकायत के अंतर्गत माना जाएगा। किन्तु सरकारी सेवा संबंधी प्रकरणों को इसके अंतर्गत सम्मिलित नहीं माना जाएगा और न ही नए प्रस्ताव, मांग परियोजनाओं अथवा कार्यकर्मों को किसी क्षेत्र विशेष में लागू करने की मांग अथवा राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार के बाहर की शिकायतों/समस्याओं को शिकायत/समस्या/परिवाद के अंतर्गत माना जाएगा।