भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग के बीच मंगलवार को बैठक हुई। जिसमें कई मुद्दे पर बातचीत हुई। इस बैठक में शी जिनपिंग ने पंचशील समझौते पर बात की और कहा, कि चीन भारत के साथ मिलकर पंचशील समझौते के पांच सिद्धांतों पर साथ काम करने को तैयार हैं।

पंचशील समझौता क्या होता है? ये समझौता दोनों देशों के बीच कब हुआ? आइए जानते हैं इस बारे में।
29 अप्रैल 1954 में भारत और चीन के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। पंचशील समझौता चीन के क्षेत्र तिब्बत और भारत के बीच व्यापार और आपसी संबंधों को लेकर समझौता हुआ था। यह समझौता उस वक्त के मौजूदा प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और चीन के पहले प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई के बीच हुआ था। इस समझौते को लेकर 31 दिसंबर 1953 और 29 अप्रैल 1954 को बैठकें हुई थीं जिसके बाद बीजिंग में इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
इस समझौते के बाद ही हिन्दी—चीनी भाई भाई के नारे लगे थे। इस समझौते पर भारत ने गुट निरपेक्ष रवैया अपनाया था मगर 1962 में चीनी और भारत के बीच युध्द हुआ जिससें इस संधि की मूल भावना को काफ़ी चोट पहुंची थी।
इस पंचशील समझौते में कुछ अहम मुद्दे है।
1. पंचशील समझौतें के तहत एक दूसरे की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना।
2. किसी भी प्रकार के आक्रमण से बचना।
3. भारत और चीन एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
4. दोनों देश एक दूसरे के साथ समान और परस्पर लाभकारी संबंध को बनाएंगे।
5. शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व बनाए रखना।