आशीष नेहरा क्रिकेट में ऐसा नाम है जो काफी समय से क्रिकेट से जुड़े हैं और अभी तक भारत के लिए योगदान दे रहे हैं। नवंबर 2107 की पहली तारीक को आशीष क्रिकेट को अलविदा कहने वाले हैं और अपने चाहने वालों को आखिरी विदाई भी देने वाली हैं। आशीष की तेज़ गेंबाज़ी अब शायद नहीं देखने को मिलेगी पर पूरा भरोसा है वो क्रिकेट से आगे जुड़े रहेंगे।
चलिए जानते हैं आशीष के बारे में कुछ ख़ास बातें
1. विश्व कप में एक भारतीय द्वारा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का आंकड़ा
विश्व कप 2003 में नेहरा का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा था जहाँ उन्होंने डरबन में इंग्लैंड के खिलाफ 23 रन देकर 6 विकेट लिए थे और लगातार वह 90 की म पर घंटे की हिसाब से गेंद डाल रहे थे। यह किसी भी भारतीय का अभी तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। विश्व कप में वहीं अगर बात करें आम मैच की तो नेहरा स्टुअर्ट बिन्नी व अनिल कुंबले के बाद तीसरे सबसे अच्छे स्पेल डालने वाले गेंदबाज़ हैं।
2. अंतर्राष्ट्रीय खेल की शुरुआत 1999 में
नेहरा ने 1999 में श्रीलंका के खिलाफ एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के लिए अपनी शुरुआत की। वीरेंद्र सहवाग ने भी नेहरा के कुछ दिनों बाद भारतीय टीम में अपना पहला प्रदर्शन 1999 में किया था। नेहरा इस समय आईपीएल में दूसरे सबसे पुराने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं।
3.एकमात्र भारतीय दो बार छह विकेट लेने वाले
एकदिवसीय क्रिकेट में छह विकेट लेना आसान नहीं हैं औरअगर आपको लगता है कि नेहरा ने इंग्लैंड के खिलाफ स्पेल सिर्फ एक ही बार किया था, तो ऐसा नहीं है 2005 में कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ नेहरा ने छह विकेट लिए और फिर से ये कीर्तिमान हासिल किया।
4. आईपीएल में पांच टीमों के लिए खेल चुके हैं नेहरा
नेहरा आईपीएल में पांच टीमों के लिए खेले हैं। उद्घाटन संस्करण में, वह मुंबई इंडियंस के साथ थे और अगले दो सत्रों में वे दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ थे। 2011 और 2012 में, वह पुणे वारियर्स के साथ थे, फिर दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ एक बार और खेले। 2014 में, उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने अपनी टीम में लिया और अब वह हैदराबाद के लिए खेलते हैं।
5.आखिरी ओवर के विश्वसनीय गेंदबाज़
2004 में, कराची में पाकिस्तान के खिलाफ, नेहरा ने आखिरी ओवर में फॉर्म में चले मोईन खान और नावेद उल हसन को सिर्फ कुछ ही रन दिए और भारत को मैच जीता दिया वह 2009 में श्रीलंका के खिलाफ,एक विशाल 414 रन का पीछा करते हुए, श्रीलंका को एंजेलो मैथ्यूज के साथ मजबूत ओवर में 11 रन की जरूरत थी। नेहरा ने सिर्फ उस ओवर में 7 रन दिए (जो उनकी पारी की रन दर से कम थी)।
6.जब नेहरा ने बल्लेबाज़ के रूप में मैच जिताया था भारत को
2002-03 में भारत नूज़ीलैण्ड के मैच में भारत को जीतने के लिए कुछ रन बनाने थे और भारत के पास बस एक विकेट बचा था फिर आखिर में नेहरा ने उस मैच में भारत को अपनी बल्लेबाज़ी के दम पर जीता दिया था।