क्रिकेट यह एक खेल नहीं बल्कि एक तरह का प्यार है लोगों के लिए| क्रिकेट से लोग इतना ज़्यादा प्यार करते हैं जिसकी कोई सीमा नहीं। इस खेल में जितने खिलाड़ी अपने देश के प्रति खेल भावना रखते हैं उतने ही लोग इस खेल को ढेर सारा प्यार करते हैं। क्रिकेट कितना उत्साह से भरा खेल है इस बात का अंदाजा तो लोग मैच के दौरान ही बता देते हैं| ये खेल आज के युग में सबसे ज्यादा देखने वाले खेलों में से एक है।
जैसे हर सिक्के के दो पहलु होते हैं वैसे ही क्रिकेट के बारे में एक ऐसी बात भी है जो सोच कर हर इंसान इस खेल को खेलने से सौ बार सोचता है। ये खेल मज़ेदार तो दीखता ही है साथ ही साथ इस खेल में एक खौफ भी है।
क्या है वो खौफ ?
पिछले कुछ सालों में बहुत से रिकॉर्ड तो क्रिकेट में टूटे होंगे पर कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो इस खेल को खेलकर अपनी जान खो बैठे थे। खेल के मैदान में अपनी आखिरी साँसों को बहुत से खिलड़ियों ने लिया है आज हम उन्ही खिलाड़ियों के बारे में बात करने वाले हैं।
सबसे पहले तो बात करेंगे फिलिप ह्यूजेस की जो ऑस्ट्रेलिया के एक धमाकेदार बल्लेबाज़ थे। फिलिप की मृत्यु एक घरेलु मैच के दौरान हुई थी जहाँ उन्हें कान के पास गेंद इतनी ज़ोर से लगी की उनका दिमाग काम करना बंद हो गया और वह मैदान में गिर पड़े जिस के बाद उन्हें अस्पताल में मृत घोषित कर दिया।
कुछ ऐसा ही हुआ था इस साल के अप्रैल महीने में जहाँ मुंबई के एक घरेलु मैच में वाजिद नाम के खिलाड़ी को साथी खिलाड़ी का बल्ला लगने से उनकी मृत्यु हो गयी थी जो भारत के क्रिकेट इतिहास में एक चौंका देने वाली बात थी।
अभी हाल ही में बांग्लादेश के एक युवक अंपायर जिनकी मृत्यु छाती पर बाल लगने से हुई उनके बारे में काफी चर्चा की जा रही है। बांग्लादेश क्रिकेट के लिए ये एक बहुत बड़ी दुर्घटना है और सभी इस बात को लेकर बेहद दुखी है।
समझ नहीं आता कभी-कभी की क्रिकेट से प्यार करें कि इस खेल से डरें। भले ये खेल सबके दिलों में समाया है पर इस खेल से डरना भी अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए काम आता है।