अगर आप भविष्य में बैंक में नौकरी की तैयारी करने के बारे मे सोच रहे है तो यह खबर आपके लिए ही है। सिटीबैंक के पूर्व सीईओ विक्रम पंडित का कहना है कि अगले 5 साल में बैंकिंग क्षेत्र की नौकरियों में करीब 30 फीसदी तक की कमी आ सकती। दरअसल हर दिन बैंक्स ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटर पर निर्भर होते जा रहे है। सारी बैंकिंग प्रणालीयो मे रोबोट और ऑटोमेटिक मशीनरी का इस्तेमाल हो रहा है। जिसके चलते भारतीय बैंक्स तेज़ी से काम कर रहे है। लेकिन इस आधुनिकता का रोज़गार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। साथ ही आने वाले भविष्य में बैंकिंग की नौकरियां और भी कम हो सकती है। कई विशेषज्ञों का भी मानना है की बैंकों में छोटे लेवल जैसे डाटा एंट्री पद तक की नौकरियां मशीनरी और नई टेक्नोलॉजी के आने से खत्म हो सकती हैं।
आपको बता दे की टीचिंग में नौकरी के अवसरों के बाद, भारत में बैंक की नौकरियां खासी लोकप्रिय हुई है । एक मध्यम परिवार के छात्र का सुरक्षित भविष्य टीचिंग और बैंकिंग जैसे क्षेंत्रो को ही माना जाता रहा है। अब ऐसे में एक बार फिर युवाओं को अपना रास्ता बदलना होगा। अक्सर देखा गया है कि भारत में नौकरियों का पैटर्न वक्त -वक्त पर बदलता रहता है। इससे पहले MBA, फिर बी .टेक का क्रेज़ चला और अब एसएससी के साथ बैंक नौकरियां काफी लोकप्रिय हो रही है।