1 जुलाई से GST लागू हो चुका है| कृषि, कृषि मशीनरी तथा कृषि में किये जाने वाले निवेश पर इसके मिश्रित प्रभाव पड़ने की सम्भावना है | हाल ही में सरकार ने कीटनाशको को 18% GST स्लैब में रखने का भी निर्णय लिया है |

उर्वरको पर अब 5% की दर से कर लगेगा (अभी तक 0-8%VAT लगता था) | स्पष्ट है कि इससे किसानों पर कर के बोझ में कमी अएगी। कीटनाशको पर 18% (अभी तक इसके ऊपर 12% की दर से उत्पाद शुल्क लगता था और कुछ राज्यों में 4-5% की दर से VAT भी लगता था) जहा तक मशीन के पुर्जो का प्रश्न है तो इन्हें कई पुर्जो को 28% के स्लैब में रखा गया है, जबकी ट्रेक्टर को 12% स्लैब( वर्तमान में शून्य उत्पाद शुल्क और 4-5% का VAT)के अंतर्गत रखा गया है। किन्तु अभी भी यह निश्चित नहीं है कि क्या इनपुट टैक्स क्रेडिट कर की दर से अधिक होगा, इसीलिए ट्रेक्टर की कीमतों में कमी आने की संभावना है|
चावल, गेहू, दूध, फल और ताज़ी सब्जियों को शून्य कर स्लैब में रखा गया है | जहा तक प्रोसेस्ड कृषि उत्पाद की बात है तो उन्हें 12% के स्लैब में रखा गया है, जो पहले 5% था| इस पर नकारात्मक असर पड़ेगा |
आपको बता दे की भारत की 55% आबादी कृषि में लगी हुआ है , जो GDP में 7.8% का योगदान करती है |