मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। पृथ्वी से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे “लाल ग्रह” के नाम से भी जाना जाता है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं – “स्थलीय ग्रह” जिनमें ज़मीन होती है और “गैसीय ग्रह” जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है। पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है, इसका वातावरण विरल है। और मंगल मंगल ग्रह हमेशा से वैज्ञानिकों के लिए चर्चा का विषय रहा है, दुनिया की सबसे बड़ी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के द्वारा हाल ही में मंगल ग्रह पर खारे पानी की उपलब्धता का प्रमाण देने के बाद यह संभावना प्रबल हो गई है कि मंगल पर जीवन है।
नासा के नये डाटा की मानें तो मंगल ग्रह की सतह पर बहता हुआ पानी मौजूद है, और भौगोलिक रुप से सक्रिय है इसी क्रम में नासा के वैज्ञानिक अमेरिका के हवाई में कृत्रिम रूप से तैयार किए मंगल ग्रह के वातावरण में रहकर मानव मिशन के लिए तैयार हो रहे नासा के 6 वैज्ञानिक रविवार को वहां से वापस आ गये हैं।
खबरों के मुताबिक नासा के छह वैज्ञानिक विशालकाय ज्वालामुखी मौनालोआ के पास एक बड़े मैदानी इलाके में जनवरी से रहकर मानव अंतरिक्ष मिशनों के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के मनोविज्ञान, आवश्यकताओं और उनके समक्ष आने वाली समस्याओं से निपटने का प्रशिक्षण ले रहे हैं, इस दल में चार पुरुष व दो महिलाएं शामिल हैं। उनका मुख्य मकसद यह है कि जटिल वातावरण और किसी अन्य ग्रह पर अधिक समय के दौरानअंतरिक्ष यात्री शारीरिक, मानसिक और सबसे अधिक जरूरी मनोवैज्ञानिक तौर पर कैसे प्रतिक्रिया दें, इस पर बेहतर समझ हासिल करने के लिए वह आठ महीने तक इसी तरह के वातावरण में रहेंगे।
नासा विशेषज्ञों के अनुसार लंबे समय की अंतरिक्ष यात्रा बिलकुल संभव है.” उन्होंने कहा, “इसके लिए हमें निश्चित रूप से तकनीकी चुनौतियां दूर करनी होंगी, मिशन के दौरान कई मानवीय समस्याएं आ सकती हैं जिनका पता लगाया जाना है, और यही एचआई-एसईएएस कर रहा है। लेकिन हमें लगता है कि उन चुनौतियों पर काबू पाने के लिए केवल एक प्रयास की जरूरत है, हम इसमें बिल्कुल सक्षम हैं.” । मंगल के बारें में कुछ इंटरेस्टिंग फेक्ट-
- नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल पर खोज अभियान के पांच साल पूरे किए।
- मंगल ग्रह सूय से लगभग 141 मिलियन दूर है।
- मंगल का तापमान साल भर में 70.7 डिग्री सेल्सियस से लेकर 140 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।
- मंगल ग्रह के एक साल में 687 पृथ्वी दिन होते हैं।
- सबसे ज्यादा हैरान कर देने वाली बात यह है कि पृथ्वी पर 100 किलो वजन वाले व्यक्ति का वजन मंगल ग्रह पर कम गुरुत्वाकर्षण की वजह से 37 किलोग्राम रह जायेगा।
देखा जाए मंगल ग्रह केवल वैज्ञानिकों के लिए ही नहीं बल्कि आम लोगों के लिए भी जिज्ञासा का विषय है, क्योंकि कहीं ना कहीं वैज्ञानिक यह अनुमान लगा रहे हैं कि मंगल पर जीवन संभव हो सकता है, और वहां लोग जाकर रह सकते हैं फिलहाल अभी तो इसमें बहुत समय है और वैज्ञानिक आये दिन मंगल ग्रह को लेकर कई नये प्रयोग कर रहे हैं।
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