अंतराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब करने के लिए भारत सरकार आज कुलभूषण जाधव मामले पर इंटरनेशनल कोर्ट मे निवेदन पत्र दाखिल करेगी। भारत सरकार इस निवेदन पत्र के साथ ही कुलभूषण की बेगुहानी और रिहाई की मांग भी करेगी। भारत इस निवेदन पत्र यानि की मेमोरियल के माध्यम से कुलभूषण मामले पर पाकिस्तान सरकार के एक-एक झूठ का पर्दाफाश करेगा। अंतराष्ट्रीय कोर्ट के मुताबिक आज यानि की 13 सिंतबर को भारत को अपना लिखित जवाब दाखिल करना है, तो 13 दिसंबर को इस मामले पर पाकिस्तान को अपनी दलील पेश करने को कहा गया है। आपको बता दें कि भारत सरकार शुरू से कहती आ रही है कि कुलभूषण जाधव भारत के एक नौसेनिक रहे हैं और पाकिस्तान सरकार ने उन्हे दूसरे देश की सीमा से कैद कर जबरदस्ती एक आंतकी बना दिया है। हालांकि पाकिस्तान का तर्क है कि जाधव अवैध पास्पोर्ट के साथ उनके देश की सीमा में रह रहा था और साथ ही उसके कई आंतकी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत भी ऐसे में कुलभूषण को सजा देना पाकिस्तान कोर्ट का काम है। पाकिस्तान की कोर्ट कुलभूषण को पहले ही फांसी की सजा सुना चुकी है। हालांकि भारत का आरोप है कि पाकिस्तान कुलभूषण को अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए पूरा मौका नहीं दे रहा। ऐसे मे वियना संधि के तहत भारत को पूरा अधिकार है कि वो उनकी बेगुनाही साबित करने के लिए आगे आये। लेकिन पाकिस्तान को इसमें भी आपत्ति है।
पूरा देश है कुलभूषण के साथ
भारतीय नौसेना के एक जाबांज अधिकारी कुलभूषण जाधव के साथ पूरा देश खड़ा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई मंचों से इस मामले में बोलते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। नरेंद्र मोदी का कहना है कि किसी निर्दोष को सिर्फ इस आधार पर फांसी नहीं दी जा सकती कि वो ऐसे पड़ोसी देश का नागरिक है जिसकी पाकिस्तान के साथ दुश्मनी है। इससे पहले विदेश मंत्री ने भी पाकिस्तान की इस कायराना हरकत पर जमकर ट्विट किए थे। सुषमा स्वराज ने अपने ट्विट में कहा था कि पाकिस्तान ने एक सुनियोजित साज़िश के तहत कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा कराया है।पाकिस्तान की सेना के कोर्ट में सज़ा से पहले उसको कोई वकील भी मुहैया नहीं कराया गया और ना ही उसका पक्ष सही तरीके से सुना गया। ऐसे में पाकिस्तान की न्यायिक प्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी है। सुषमा स्वराज ने जाधव की मां को उनसे मिलने पर रोक लगाये जाने के पाकिस्तान के आदेश को भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।