लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस के लिए एक अच्छी खबर है। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने डूसू चुनावों में दो पदों पर जीत हासिल की है। एनएसयूआई ने स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर बाजी मार ली है। जबकि एबीवीपी ने सचिव और ज्वाइंट सेकेट्री पद पर जीत हासिल की है। इन चुनावों के रिजल्ट से एबीवीपी खेमे में मातम का माहौल है। देश में मोदी माहौल के बीच दिल्ली विश्वविधालय चुनावों में एबीवीपी को दो सीटें गवानें पर सवाल उठने लगे हैं। पिछले कई सालों से डूसू में काबिज एबीवीपी की इस हार को बीजेपी की कम होती लोकप्रियता से जोड़कर देखा जा रहा है। कल संपन्न हुए चुनाव में 43 फीसदी वोटिंग हुई थी। आज हुई मतगणना में अध्यक्ष पद पर NSUI के रॉकी तुसीद, उपाध्यक्ष पद पर कुणाल सेहरावत जीत गए हैं। वहीं ABVP की महामेधा नागर सचिव और उमाशंकर संयुक्त सचिव के पद पर जीत हासिल की है। पिछले साल एबीवीपी ने डूसू के सेंट्रल पैनल में 4 में से 3 सीटों पर कब्ज़ा जमाया था। पिछले 4 साल से एबीवीपी डूसू पर काबिज़ है
हार-जीत का अंतर
- अध्यक्ष पद पर NSUI के रॉकी तुसीद ने 1500 वोटों से जीत हासिल की।
- उपाध्यक्ष पद पर NSUI के कुनाल सहरावत ने 200 वोटों से जीत दर्ज की है।
- सह सचिव पद पर ABVP के उमाशंकर ने एनएसयूआई के अविनाश यादव को हराया है।
एबीवीपी ने मोतीलाल नेहरू कॉलेज से राजनत चौधरी को अध्यक्ष, पार्थ राणा को उपाध्यक्ष, महमेधा नागर को सचिव और उमा शंकर को सह-सचिव के पद पर उतारा था। वहीं एनएसयूआई ने रॉकी को अध्यक्ष पद, कुणाल सहरावत को उपाध्यक्ष पद के लिए, मीनाक्षी मीणा (सचिव) और अविनाश यादव को संयुक्त सचिव के पद के लिए मैदान में उतारा था।