भारत सरकार द्वारा 2022 तक 60,000 मेगावाट पवन उर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि वर्तमान में हमारी उत्पादन क्षमता लगभग 32,000 मेगावाट ही है| पवन ऊर्जा के उत्पादन के समक्ष कई चुनौतिया है जैसे निवेश,भूमि,सौर उर्जा से प्रतिस्पर्धा इस कारण पतंगो का उपयोग करके ऊर्जा का उत्पादन किया जायेगा|
भारत का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, एक नई योजना ला रहा है, काइट्स ड्रिवेन इलेक्ट्रिसिटी स्टेशन| इस स्टेशन की पतंगे controlable flying device है, जिन्हें 750 मीटर पर एक क्रम में नियमित किया जाता है| इन ऊचे स्थानों पर पवन की वेलोसिटी ज़मीन की तुलना में दोगुनी होती है| इस प्रकार इन पतंगो से कम लागत पर ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है| traditional wind farms की तुलना में इनकी लागत 50 से 60 प्रतिशत कम रहेगी तथा traditional turbine system की तुलना में भी यह कम नॉइज़ प्रदुषण करती है|