लगातार परमाणु परीक्षण कर रहे उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिका अब कुछ नर्म नजर आ रहा है। अमरेकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया को संभलने का एक और मौका देना चाहते हैं।ट्रंप का कहना है कि उत्तर कोरिया के खिलाफ सैन्य हमले हमारी प्राथमिकताओँ में नहीं है, हालांकि सैन्य कार्रवाई की संभावना हमेशा बनी रहेगी।इससे पहले नॉर्थ कोरिया द्वारा हाईड्रोजन बन के परीक्षण पर काफी सख्त नजर आ रहा था।
अमेरिका में एक प्रैस कांफ्रैस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वो यकीनन सैन्य कार्रवाई में भरोसा नहीं रखते लेकिन अगर कोई देश न माने तो क्या करें। हालांकि नॉर्थ कोरिया को लेकर ट्रंप का कहना था कि इस देश के साथ बातचीत के रास्ते खुले हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड़ ट्रंप ने कहा कि उनकी चीन के राष्ट्रपति से भी इस मामले पर बात हुई है और चीन ने भी नॉर्थ कोरिया को संयम से काम लेने की सलाह दी है।
आपको बता दें कि इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि वो युद्ध को सही नहीं मानते लेकिन किस तरह से नॉर्थ कोरिया पेश आ रहा है वो वाकई दुखी करने वाला है।हालांकि अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैट्टिस ने भी कुछ दिनों पहले कहा था कि यदि नॉर्थ कोरिया अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को कोई भी खतरा पहुंचायेगा तो उसे उसके घातक परिणाम भुगतने होंगे।संयुक्त राष्ट्र संघ में भी अमेरिका ने इस मुद्दे को कई बार जोर –शोर से उठाया है।अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने संयुक्त राष्ट्र में कहा था कि किम जोंग का कदम रक्षात्मक नहीं है, बल्कि वो इस तरह के परमाणु परीक्षण कर दूसरे देशों को दबाव में लाने की कोशिश कर रहे हैं। जिसका अमेरिका पुरजोर विरोध करता है। गौरतलब है कि उत्तर कोरियाई सरकार पहले ही अमेरिका के गुआम द्वीप स्थित अमेरिका की सैन्य इकाइयों को अपने टारगेट पर होने की बाते कहता रहा है।जिससे अमेरिका की टेंशन बरकरार है।