भारत ने हाल ही में चांदीपुर से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम पृथ्वी -2 बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परिक्षण किया है| यह परिक्षण भारतीय थल सेना का यूजर ट्रायल के रूप में चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेन्ज (ITR)से किया गया|
पृथ्वी -2 मिसाइल 500 किलो ग्राम से लेकर 1000 किलो ग्राम वारहेड को अपने साथ ले जाने में सक्षम है| इसमें तरल ईधन का प्रयोग किया गया है, जो दो ईंजनो के द्वारा थ्रस्ट पैदा करता है|इसमें सुरक्षा की बेहतरीन तकनीक advance inersial guided system और manuwaring trajectory शामिल है| यह मिसाइल DRDO द्वारा इंटीग्रेटेड मिसाइल कार्यक्रम के पहले चरण की पहली मिसाइल है|
इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल कार्यक्रम(IGMDP) के बारे में
यह कार्यक्रम 1983 में त्रिशूल,आकाश,नाग,पृथ्वी और अग्नि-1जैसी मिसाइल विकसित करने के लिए बनाया गया था| जो माध्यम दूरी की मिसाइल है| साथ ही ज़मीन से ज़मीन पर वार करने में सक्षम है| 1990 के दशक में इस कार्यक्रम में लम्बी दूरी वाली अग्नि, स्गारिका(बैलेस्टिक मिसाइल), सूर्या(माध्यम दूरी की मिसाइल ) और धनुष(पृथ्वी मिसाइल का नौसेना संस्करण) जैसी मिसाइलों के विकास को भी शामिल कर लिया गया|