सोना किसे पसंद नहीं है, लेकिन जब सोने के बाद आप ये भूल जायें कि उठना कब है तो ये वाकई परेशानी वाला सिद्द् हो सकती है। भारत के पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान की सीमा से जुडे हुए कजाकिस्तान में पिछले कई सालों से ऐसा ही हो रहा है। यहां के लोग सोने के बाद उठना भूल जाते हैं। यह देश भारत के अच्छे मित्र देशों में से एक है। इस देश के कलाची गांव में अगर कोई एक बार सो जाये तो पता नहीं कितने सप्ताह या महिने भर बाद उठेगा। इस गांव के लोग कहीं भी सो जाते हैं और किसी भी वक्त सो जाते हैं।
रहस्य से भरा है कलाची गांव
कुछ हजार लोगों की आबादी वाला ये गांव साल 2010 में सुर्खियों में आया। इस गांव की खबरें जब सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी तो अंतराष्ट्रीय मीडिया भी यहां कवरेज के लिए पहुंचा। यहां की खबरें पढ़कर और सुनकर हर कोई सन्न है। दरअसल इस गांव में लोग काम करते-करते, बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते वक्त, सैक्स के दौरान, पूजा के समय कोई कभी भी, कहीं भी अचानक ही सो जाता है। इस नींद की बीमारी के चलते इस गांव को अब ‘स्लीपी हॉलो’ कहा जाने लगा है। कजाकिस्तान के इस गांव में इस बीमारी की शुरूआत अप्रैल 2010 में हुई थी। बच्चे-बूढ़े सभी इसकी चपेट में हैं। हाल ही में 8 बच्चे स्कूल की असेम्बली में इस बीमारी के कारण गिर गए थे। वह सभी अब तक सो ही रहे हैं।आपको जानकर हैरानी होगी कि लोग जागने के बाद भूल जाते हैं कि वो कितने महिनों तक सोते रहे।
वैज्ञानिक भी नहीं बता पा रहे हैं सही कारण
इस गांव के लोगों को लेकर कई विज्ञानिकों ने शोध भी किये लेकिन अधिकतर शोध में यही बात सामने आयी की इन सभी मरीजों के दिमाग में अचानक से तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है। यह मात्रा क्यों बढ़ जाती है इसका कोई कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। डॉक्टर्स का मानना है कि ऐसा शायद प्रदूषित पानी के चलते हो रहा है। जब उन्होंने इस बीमारी के मरीजो की जांच कि तो उन्होंने पाया कि एक व्यक्ति को इस बीमारी के सात बार अटैक आ चुके हैं लेकिन ये मरीज आज भी जिंदा है। इस बीमारी की वजह से न सिर्फ यहां के आम लोग परेशान है बल्कि सरकार भी चिंतित है कि लोगों को इस बीमारी से बाहर निकाले तो आखिर कैसे निकाले।