मोदी सरकार के प्रशासन को तीन साल पूरे हो चुके है इतने समय में अन्तरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल की कीमतें लगभग 53% तक कम हो चुकी गयी हैं, लेकिन भारत में ये कीमतें आसमान छू रही है, SMC ग्लोबल रिसर्च के हवाले से पता चला है, जुलाई 2014 को विश्व में पेट्रोल की कीमते 112 डॉलर प्रति लीटर थी, जबकि भारत में ये 73 रूपए प्रति लीटर था, आज मुंबई में पेट्रोल की कीमत 80 रूपए प्रति लीटर तक पहुच गई है। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह भाव 54 डॉलर प्रति बैरल है।
इसकी मुख्य वजह यह है कि पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी, जिसे लगातार सरकार बढ़ाती जा रही है, मोदी सरकार के कार्यकाल में यह एक्साइज ड्यूटी 10 रूपए प्रति लीटर से बढकर 23 रूपए प्रति लीटर तक हो चुकी है, इस समय भारत में पेट्रोल के दाम अपने तीन साल के उच्च्तम दर पर है। खबरोें के मुतबिक हाल ही में सरकारी नियमो में बदलाव किया गया था जिसके चलते अब प्रतिदिन पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण किया जाता है, रोज़ पेट्रोल की कीमतों में कुछ संशोधन किया जाता है। जिसके चलते थोड़ी बढ़ोतरी हुई और आज कीमतें आसमान छूने लगी। हालांकि दिल्ली में कुछ दिनों के लिए पेट्रोल की कीमते घटी थी, पर अगर औसतन रूप से देखे तो कीमतों में उछाल ही नजर आएगा।
खबरों के मुताबिक देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ के कारण, खपत घटी थी, और इसी वजह से पेट्रोल की कीमते में कमी दर्ज की गई । पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार देश में सर्वाधिक खपत वाला ईंधन डीजल की मांग 3.7 प्रतिशत घटकर 59 लाख टन रही जबकि पेट्रोल की बिक्री 0.8 प्रतिशत घटकर 21.9 लाख टन थी।